7th Pay Commission : अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) में नौकरी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे कुछ कर्मचारियों को अब सेवानिवृत्ति लाभ से वंचित होना पड़ सकता है। साथ ही सरकार ने नोशनल इन्क्रीमेंट को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया है जो लाखों कर्मचारियों को राहत देगा।
क्या है नया नियम?
22 मई, 2025 को केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2025 अधिसूचित किया है। इसके तहत यदि कोई सरकारी कर्मचारी बाद में किसी PSU में शामिल होता है, और वहां कदाचार (misconduct) के चलते बर्खास्त या हटाया जाता है, तो उसे पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलेंगे।
यह नियम यह भी कहता है कि ऐसे मामलों में PSU द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
पहले क्या था नियम?
पहले के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नौकरी करते समय बर्खास्त किए जाने पर भी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ मिलते थे। नियमों में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था जो इस लाभ को रोक सके।
यह नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के तहत लागू होता है, जो 31 दिसंबर 2003 तक नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर प्रभावी है (IAS, IPS, IFS, रेलवे, आकस्मिक या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को छोड़कर)।
जवाबदेही बढ़ी
इस संशोधन के बाद, अब PSU में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता और भी ज़्यादा बढ़ गई है। अब बर्खास्तगी या अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद पेंशन की गारंटी नहीं रहेगी।
नोशनल इन्क्रीमेंट पर बड़ा फैसला
केंद्र सरकार ने नोशनल इन्क्रीमेंट (Notional Increment) पर भी एक राहतभरा फैसला लिया है। पहले ऐसे कर्मचारी जो 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होते थे, उन्हें अगली वेतन वृद्धि (1 जुलाई या 1 जनवरी) का लाभ नहीं मिलता था। अब इस नए फैसले के बाद, ऐसे कर्मचारियों को भी नोशनल इन्क्रीमेंट का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी पेंशन राशि में इज़ाफा होगा।
इस फैसले से ऐसे कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी जो सिर्फ एक दिन की वजह से वेतन वृद्धि से चूक जाते थे।
यह बदलाव क्यों ज़रूरी था?
सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी सेवा में रहते हुए या PSU में काम करते समय अनुशासन बनाए रखा जाए। साथ ही, कर्मचारियों को न्यायोचित लाभ भी मिले, जैसे कि नोशनल इन्क्रीमेंट से संबंधित राहत।