Gold Rate : इस साल 2025 में सोने (Gold) की कीमतों में ऐसी ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई। अब तक सोना करीब 26% तक महंगा हो चुका है और निवेशकों का रुझान शेयर बाजार से हटकर सीधे सोने की ओर मुड़ गया है।
क्या है सोने की कीमतों में उछाल का कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक तनाव, युद्ध की आशंका और आर्थिक अनिश्चितता ने सोने को फिर से ‘सेफ हैवन’ बना दिया है। जब दुनिया में मंदी, ब्याज दरों में अस्थिरता और महंगाई का खतरा बढ़ता है, तब निवेशक अपने धन की सुरक्षा के लिए सोने को प्राथमिकता देते हैं।
इस साल अप्रैल में सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छू लिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना $2,400 प्रति औंस तक पहुंच चुका है।
कितना और बढ़ सकता है सोना?
जेपी मॉर्गन जैसी ग्लोबल इनवेस्टमेंट कंपनी का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना $3,675 प्रति औंस तक पहुंच सकता है और 2026 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा $4,000/ounce भी पार कर सकता है।
भारत में भी कीमतें तेजी से ऊपर जा सकती हैं। विशेषज्ञ जिगर त्रिवेदी के अनुसार, अगले 9 से 12 महीनों में सोना ₹1,10,000 से ₹1,15,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है, खासकर त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम के चलते मांग में जबरदस्त उछाल आने की संभावना है।
किन कारणों से बढ़ेगी कीमत?
- अंतरराष्ट्रीय तनाव – रूस-यूक्रेन, इजराइल-पैलेस्टाइन जैसे क्षेत्रों में अस्थिरता लगातार बनी हुई है।
- अमेरिका की आर्थिक स्थिति कमजोर – बढ़ता कर्ज, घटती क्रेडिट रेटिंग और डॉलर की कमजोरी।
- बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों की अनिश्चितता।
- सेंट्रल बैंकों की लगातार सोने की खरीद – हर तिमाही में लगभग 710 टन सोना खरीदा जा रहा है।
क्या कीमतें स्थिर रहेंगी?
अप्रैल के अंत में जब वैश्विक स्तर पर कुछ शांति दिखी, तो 23 अप्रैल से 15 मई तक सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई और यह ₹90,890 प्रति 10 ग्राम तक आ गया। लेकिन यह गिरावट अस्थायी रही। इसके बाद फिर से तेजी का रुख बना हुआ है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?
अगर आप निवेश की सोच रहे हैं तो विशेषज्ञ मानते हैं कि यह समय सोने में निवेश के लिए बेहद अनुकूल है। हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, लेकिन लंबी अवधि में रिटर्न के लिहाज से सोना एक सुरक्षित विकल्प बना रहेगा।