TRAI New Rule : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम सेक्टर को और बेहतर बनाने के लिए कुछ अहम बदलावों की सिफारिश की है। इन बदलावों का उद्देश्य सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी से बचाना भी है।
1. टेलीकॉम नंबरिंग पर अब नहीं लगेगा अलग शुल्क
TRAI ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को अब मोबाइल या लैंडलाइन नंबर के लिए अलग से पैसे नहीं देने होंगे। इससे कंपनियों की लागत घटेगी और इसका फायदा ग्राहकों को मिल सकता है।
साथ ही, दूरसंचार विभाग (DoT) यह सुनिश्चित करेगा कि जो नंबर लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहे, उन्हें वापस लेकर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाए। इससे नंबरों की बर्बादी रुकेगी।
2. लैंडलाइन के लिए नई नंबरिंग व्यवस्था
अब देशभर में लैंडलाइन नंबर 10 अंकों के होंगे। पहले नंबरिंग प्रणाली SDCA (Short Distance Charging Area) पर आधारित थी, अब यह LSA (Licensed Service Area) आधारित होगी। इससे नंबरों में एकरूपता आएगी और दोहराव से बचा जा सकेगा।
इसके अलावा, किसी भी लैंडलाइन पर कॉल करने से पहले “0” लगाना जरूरी होगा। यह नियम पूरे देश में एक समान होगा। मोबाइल से कॉल करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनियों को इस बदलाव को लागू करने के लिए 6 महीने का समय मिलेगा।
3. स्पैम कॉल्स पर लगेगी लगाम, आएगा CNAP सिस्टम
आजकल स्पैम और फर्जी कॉल्स बड़ी समस्या बन गई हैं। TRAI ने इसके लिए CNAP (Calling Name Presentation) सिस्टम लाने की सिफारिश की है। इस सिस्टम के तहत जब भी किसी अनजान नंबर से कॉल आएगी, उस कॉल करने वाले का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा।
इससे यूजर पहचान सकेगा कि कॉल किससे आ रही है और साइबर फ्रॉड या स्कैम से बचाव होगा। यह सुविधा मोबाइल और लैंडलाइन दोनों पर काम करेगी।
4. निष्क्रिय नंबर अब सीधे बंद नहीं होंगे
TRAI ने यह भी कहा है कि अगर कोई मोबाइल नंबर कुछ समय के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तो उसे 90 दिनों तक बिना उपयोग के भी बंद नहीं किया जाएगा। यह नियम उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो कुछ समय के लिए अपनी सिम का इस्तेमाल नहीं कर पाते, जैसे बाहर यात्रा करने वाले या अस्थायी रूप से सेवा से दूर रहने वाले लोग।
5. टेलीकॉम सेवाएं होंगी ज्यादा स्मार्ट और यूजर-फ्रेंडली
इन बदलावों से टेलीकॉम सिस्टम ज्यादा स्मार्ट, पारदर्शी और उपभोक्ताओं के लिए भरोसेमंद बनेगा। नंबरिंग सुधार, CNAP जैसे तकनीकी उपाय और निष्क्रिय नंबरों की सुरक्षा जैसे कदमों से डिजिटल इंडिया को मजबूती मिलेगी।