Agriculture Subsidy Schemes : राजस्थान के भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने कृषि बजट 2024-25 में ऐसी योजना शुरू की है, जिसके तहत किसी भी प्रकार की खेती की जमीन न रखने वाले मजदूरों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए ₹5000 की सब्सिडी दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य इन मजदूरों की कार्य क्षमता बढ़ाना और उन्हें खेती से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है।
योजना का मकसद
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है गरीब और भूमिहीन कृषि मजदूरों को खेती के काम से जोड़ना। जिनके पास खुद की जमीन नहीं है लेकिन वे खेती करना चाहते हैं, उन्हें जरूरी औजारों और संसाधनों के लिए वित्तीय सहायता देना इस योजना की प्राथमिकता है। इससे मजदूरों की आय बढ़ेगी और जीवन स्तर में सुधार होगा।
राज्य सरकार ने बताया कि यह योजना बजट घोषणा का हिस्सा है और इसका लाभ राज्यभर के मजदूर किसानों को मिलेगा।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का फायदा सिर्फ उन्हीं मजदूर किसानों को मिलेगा:
- जिनके पास खुद की कोई कृषि भूमि नहीं है।
- जिनका मोबाइल नंबर, बैंक खाता और जन आधार कार्ड आपस में लिंक है।
- आवेदन के समय महिला, SC/ST, BPL परिवार और अन्य जरूरतमंद वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक चयन समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता सरपंच करेंगे। इसमें कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी और BDO सदस्य होंगे। हर लाभार्थी केवल एक बार आवेदन कर सकेगा और ये आवेदन “राज किसान साथी” मोबाइल ऐप के जरिए किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया: मोबाइल से करें अप्लाई
- सबसे पहले अपने मोबाइल में “राज किसान साथी” ऐप डाउनलोड करें।
- ऐप खोलें, अपना जन आधार नंबर और OTP डालकर लॉगिन करें।
- योजना लिस्ट में जाकर इस योजना को चुनें और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें।
- मांगी गई जानकारी और दस्तावेज जैसे:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- जन आधार कार्ड
- भूमिहीन होने का प्रमाण
- जाति/बीपीएल प्रमाणपत्र
को स्कैन करके अपलोड करें।
- सभी जानकारी सही से भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
आगे की प्रक्रिया
आवेदन सफल होने पर, पंजीकृत किसान को 45 दिनों के भीतर कृषि उपकरण खरीदने होंगे। इसके बाद कृषि अधिकारी और पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन करेंगे। सत्यापन के बाद, सरकार द्वारा ₹5000 की सब्सिडी सीधी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
यह योजना राज्य के भूमिहीन किसानों को नई दिशा और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी। इसके जरिए उन्हें आधुनिक उपकरणों तक पहुंच मिलेगी और खेती में उनकी उपयोगिता और आय दोनों में बढ़ोतरी होगी। डिजिटल आवेदन प्रणाली और पात्रता आधारित चयन से यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे।