B.Ed Course Change Rules : अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं और B.Ed की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए एक अहम अपडेट है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने B.Ed कोर्स को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। इन बदलावों का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और छात्रों को अधिक लाभ पहुंचाना है।
अब B.Ed सिर्फ मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेज में ही होगा
NCTE के नए नियमों के तहत अब सिर्फ B.Ed करवाने वाले सिंगल कोर्स कॉलेजों को मान्यता नहीं दी जाएगी। यानी जो कॉलेज केवल B.Ed की पढ़ाई कराते हैं, वे अब इस कोर्स को नहीं चला पाएंगे। अब B.Ed सिर्फ उन्हीं कॉलेजों में होगा जहां बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे अन्य डिग्री कोर्स भी चल रहे हों। इन्हें मल्टी-डिसीप्लिनरी कॉलेज कहा जाता है।
छोटे कॉलेज होंगे मर्ज, सिंगल B.Ed कॉलेज बंद होंगे
जिन बीएड कॉलेजों की दूरी 3 से 10 किलोमीटर के बीच है, उन्हें पास के किसी बड़े डिग्री कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। यानी अब ऐसे छोटे कॉलेज अकेले B.Ed की पढ़ाई नहीं करा सकेंगे। NCTE की योजना है कि साल 2030 तक सभी B.Ed कॉलेजों को मल्टी-डिसीप्लिनरी संस्थानों में बदला जाए।
भारत में फिलहाल करीब 15,000 से अधिक B.Ed कॉलेज हैं, जिनमें से कई सिर्फ इसी कोर्स को चलाते हैं। अब ये कॉलेज या तो बंद होंगे या किसी बड़े कॉलेज के साथ मिलकर काम करेंगे।
एडमिशन पर भी नया नियम लागू
अब से हर B.Ed कोर्स में सिर्फ 50 छात्रों को ही दाखिला मिलेगा। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता बनी रहेगी और शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा। इससे छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और टीचिंग स्टैंडर्ड सुधरेगा।
बंद होने से बचेंगे छोटे कॉलेज, मिलकर पढ़ा सकेंगे B.Ed
जो कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं या जिनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, उन्हें राहत दी गई है। ऐसे कॉलेज पास के किसी बड़े संस्थान के साथ समझौता करके B.Ed कोर्स जारी रख सकते हैं। दोनों कॉलेज मिलकर भवन, पुस्तकालय, शिक्षक और अन्य सुविधाओं को साझा कर सकेंगे।
बदलाव का मकसद – गुणवत्ता और व्यावहारिक ज्ञान
इस बदलाव का उद्देश्य सिर्फ डिग्री बांटना नहीं, बल्कि शिक्षकों को व्यवहारिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। जो कॉलेज केवल डिग्री बांटने तक सीमित थे, उन्हें अब छात्रों के लिए एक संपूर्ण शैक्षणिक माहौल देना होगा। NCTE का ये कदम लंबे समय में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है।