CIBIL SCORE New Rule : आज के दौर में अगर आपको किसी भी बैंक या फाइनेंशियल कंपनी से लोन चाहिए, तो सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर देखा जाता है। अगर स्कोर अच्छा है तो लोन आसानी से मिल जाता है और ब्याज दर भी कम रहती है। अब इसी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए नियम लागू किए हैं, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभाव में आ चुके हैं।
इन नए नियमों का मकसद है ग्राहकों को ज्यादा पारदर्शिता और अच्छी सेवा देना। इससे लोगों को अपने क्रेडिट स्कोर की सही और नियमित जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे अपने वित्तीय निर्णय बेहतर तरीके से ले पाएंगे।
अब तेजी से मिलेगा स्कोर अपडेट
पहले क्रेडिट स्कोर महीनों में एक बार अपडेट होता था, लेकिन अब हर 15 दिन में इसका अपडेट मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर आपने कोई भुगतान किया है या कोई गलती की है, तो उसका असर जल्दी दिखेगा। इससे लोग समय रहते सुधार कर सकेंगे और क्रेडिट स्कोर को बेहतर बना सकेंगे।
रिपोर्ट जांच पर मिलेगी जानकारी
अब जब भी कोई बैंक या संस्था आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देखेगी, तो आपको SMS या ईमेल से जानकारी दी जाएगी। इससे आपको पता चलेगा कि कौन आपकी जानकारी देख रहा है और क्यों। यह नियम आपकी निजता की सुरक्षा के लिए है और अनधिकृत जांच को रोकेगा।
अस्वीकृत लोन पर मिलेगा कारण
अगर आपका लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन रिजेक्ट हो जाता है, तो अब आपको इसका स्पष्ट कारण बताया जाएगा। पहले सिर्फ अस्वीकृति की सूचना मिलती थी, लेकिन अब कंपनियों को वजह बतानी होगी। इससे आप अपनी गलतियों को पहचान सकेंगे और अगली बार बेहतर तरीके से आवेदन कर पाएंगे।
साल में एक बार मुफ्त में पूरी रिपोर्ट
अब सभी ग्राहकों को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में दी जाएगी। इसके लिए कंपनियां वेबसाइट पर लिंक देंगी, जहां से रिपोर्ट डाउनलोड की जा सकेगी। इससे ग्राहक अपनी पूरी वित्तीय स्थिति को समझ सकेंगे और योजनाएं बेहतर बना सकेंगे।
डिफॉल्ट से पहले मिलेगी चेतावनी
अगर कोई ग्राहक लोन का भुगतान नहीं कर पा रहा है, तो उसे पहले से चेतावनी दी जाएगी। इससे वह समय रहते समाधान निकाल सकता है और उसका सिबिल स्कोर खराब होने से बच सकता है।
शिकायत का समाधान 30 दिन में
अब सभी वित्तीय कंपनियों को ग्राहक की शिकायत का समाधान 30 दिनों के भीतर करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कंपनी पर रोजाना 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। यह नियम कंपनियों को समय पर सेवा देने के लिए मजबूर करेगा।
RBI के ये नए नियम ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा करते हैं और उन्हें वित्तीय रूप से ज्यादा मजबूत बनाते हैं। इनसे पारदर्शिता बढ़ेगी, धोखाधड़ी रुकेगी और ग्राहक समय पर सही फैसले ले सकेंगे।