Free Silai Machine Form : भारत सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना आज देश भर में चर्चा का विषय बन गई है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक हुनर रखने वाले लोगों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना है।
खास बात यह है कि यह योजना उन लोगों को मदद देती है जो सिलाई, बढ़ईगीरी, लोहार जैसे पारंपरिक काम करते हैं। इन्हीं में से एक है सिलाई मशीन योजना, जो खासकर दर्जी वर्ग और महिलाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर है।
सिलाई मशीन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सिलाई मशीन देने की व्यवस्था की गई है ताकि लोग अपने सिलाई के हुनर से रोजगार शुरू कर सकें।
यह योजना खासकर महिलाओं के लिए फायदेमंद है, जो घर बैठे ही अपना काम शुरू कर सकती हैं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकती हैं और परिवार की आय में योगदान दे सकती हैं।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
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आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
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पारंपरिक काम करने वाला होना चाहिए, जैसे सिलाई।
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सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
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सिलाई मशीन चलाने का अनुभव या जानकारी होनी चाहिए।
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कोई और स्थायी आय का स्रोत नहीं होना चाहिए।
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आवेदक के नाम पर कोई बड़ी संपत्ति नहीं होनी चाहिए।
मुफ्त प्रशिक्षण और दैनिक भत्ता
इस योजना के तहत लाभ पाने से पहले सरकार 10–15 दिन का मुफ्त प्रशिक्षण देती है। यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर होता है, जिसमें सिलाई मशीन चलाने की पूरी जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान सरकार हर दिन ₹500 देती है, जिससे प्रशिक्षण लेने वालों को थोड़ी आर्थिक मदद भी मिलती है।
प्रशिक्षण के बाद क्या मिलेगा?
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद पात्र लोगों को सिलाई मशीन दी जाती है। अगर मशीन सीधे नहीं दी जा सकती, तो सरकार ₹15,000 की सहायता राशि बैंक खाते में भेजती है, जिससे वे खुद मशीन खरीद सकें। यह पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए दिया जाता है।
कैसे करें आवेदन?
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योजना के लिए आवेदन करने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
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रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरें।
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आवेदन करने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण संख्या से स्थिति की जांच की जा सकती है।
योजना से क्या फायदे हैं?
यह योजना सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी फायदेमंद है। इससे पारंपरिक कामों को बढ़ावा मिलता है, महिलाओं को रोजगार के मौके मिलते हैं और देश में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलता है। खासकर ग्रामीण इलाकों की महिलाएं इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।