Home EMI Bounce Rule – अगर आपने होम लोन ले रखा है और कभी-कभी ईएमआई भरने में दिक्कत हो रही है, तो ज़रा सावधान हो जाइए! क्योंकि लगातार EMI बाउंस होने पर बैंक सीधा घर नीलाम करने तक का कदम उठा सकता है। लेकिन घबराइए नहीं – अगर आप समय रहते जागरूक हो जाएं, तो इससे बचा जा सकता है।
EMI बाउंस – बैंक कब लेता है एक्शन?
हर बैंक थोड़ा बहुत वक्त देता है ताकि ग्राहक अपनी स्थिति सुधार सके, लेकिन अगर आप लगातार EMI मिस करते रहते हैं, तो बैंक एक के बाद एक 5 स्टेप्स में कार्रवाई करता है। ये अचानक नहीं होते, बल्कि आपको चेतावनी और मौका दिया जाता है।
जानिए पहली तीन बार बैंक क्या करता है?
- पहली EMI मिस होने पर आपका खाता बैंक की निगरानी में आ जाता है।
- दूसरी बार EMI नहीं भरने पर आपको बैंक की तरफ से रिमाइंडर कॉल या मैसेज आता है।
- तीसरी EMI भी चूक जाने पर बैंक आपको एक लीगल नोटिस भेजता है – जिसमें बकाया राशि चुकाने की चेतावनी होती है।
चौथी बार – नीलामी की धमकी
अगर आपने लगातार चौथी और पांचवीं EMI भी नहीं भरी, तो अब मामला गंभीर हो जाता है। बैंक प्रॉपर्टी नीलामी का नोटिस भेजता है जिसमें लिखा होता है कि अगर आपने अब भी भुगतान नहीं किया, तो बैंक आपके घर को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
पांचवीं बार – घर हो सकता है नीलाम
अगर नोटिस के बाद भी आपने भुगतान नहीं किया, तो बैंक कोर्ट में केस दाखिल कर प्रॉपर्टी की नीलामी शुरू कर सकता है। जो रकम नीलामी से मिलेगी, उससे बैंक अपने बकाया लोन की भरपाई करता है।
कैसे बच सकते हैं इस स्थिति से?
अगर आप चाहते हैं कि बैंक आपके खिलाफ एक्शन न ले, तो कुछ स्मार्ट कदम उठा सकते हैं:
- अपने पुराने क्रेडिट रिकॉर्ड दिखाएं कि आप पहले समय से EMI भरते रहे हैं।
- अगर हाल ही में आर्थिक दिक्कत आई है, तो बैंक से बात करके समझौता करने की कोशिश करें।
- कुछ बैंक आपको गिरवी रखकर लोन राहत देने का विकल्प भी देते हैं।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग – राहत का रास्ता
अगर EMI भरना मुश्किल हो रहा है, तो लोन रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प चुनें। इसमें आप:
- लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं, जिससे EMI कम हो जाएगी।
- अगर आपने फ्लोटिंग रेट लिया है और ब्याज बढ़ गया है, तो उसे फिक्स्ड में बदलने की बात कर सकते हैं।
मकान का किराया बना सकता है संकटमोचक
अगर आपके पास अतिरिक्त घर है या आप जिस घर में रहते हैं, वो किराए पर दिया जा सकता है – तो ऐसा करने से मिलने वाली आमदनी से आप EMI भर सकते हैं। इससे आपकी साख भी बनी रहेगी और भविष्य में क्रेडिट स्कोर भी नहीं गिरेगा।
खुद बेचें मकान – बैंक से पहले!
अगर हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं, तो बैंक द्वारा नीलामी के इंतजार में रहने से अच्छा है कि आप खुद मकान बेचने का फैसला लें। इससे आपको बाजार रेट के हिसाब से ज्यादा पैसा मिल सकता है, जिससे न सिर्फ लोन चुक जाएगा, बल्कि कुछ रकम बच भी सकती है।
Disclaimer
यह लेख आम जानकारी के लिए है। लोन से जुड़ी किसी भी कानूनी कार्रवाई, नोटिस या समाधान के लिए अपने बैंक से संपर्क करें या किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लें। हर बैंक की नीति थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए पर्सनल केस में प्रोफेशनल गाइडेंस ज़रूरी है।