LPG Delivery Fraud – हर घर की रसोई में एलपीजी सिलेंडर अब ज़रूरत नहीं, आदत बन चुकी है। चाहे शहर हो या गांव, उज्ज्वला योजना के बाद हर जगह एलपीजी का इस्तेमाल खूब बढ़ा है। लेकिन इसी बीच कई जगहों से शिकायतें आ रही हैं कि उपभोक्ताओं को अधूरा भरा सिलेंडर थमा दिया जाता है। यानी आप पूरे पैसे देते हो, लेकिन गैस मिलती है कम। अगर आपने भी कभी सोचा है कि गैस जल्दी क्यों खत्म हो जाती है, तो अब आपको भी अलर्ट हो जाना चाहिए।
डिलीवरी बॉय पर आंख बंद कर भरोसा करना भारी पड़ सकता है
अक्सर हम डिलीवरी बॉय को आते ही सीधा सिलेंडर थमा देने को कहते हैं और पूछते भी नहीं। सील लगी है? ठीक है, सब सही है! लेकिन यहीं सबसे बड़ा धोखा होता है। कई बार गैस की चोरी इतनी सफाई से होती है कि आपको पता भी नहीं चलता। सील भी लगी रहती है और सिलेंडर भी वैसा ही दिखता है, लेकिन असल में उसमें गैस की मात्रा कम होती है।
टेयर वेट समझो, तभी मिलेगा पूरा हक
हर सिलेंडर पर ऊपर की ओर, हैंडल के पास एक वजन लिखा होता है – यही होता है टेयर वेट यानी खाली सिलेंडर का वजन। यह आमतौर पर 15.3 या 16.0 किलो के आसपास होता है। अब इसमें जोड़ लो 14.2 किलो गैस का वजन, यानी अगर टेयर वेट 15.3 Kg है, तो पूरा भरा सिलेंडर होना चाहिए 29.5 किलो का। यही आपका पैमाना है।
डिलीवरी पर ही तौल करवाओ
जब भी डिलीवरी बॉय सिलेंडर लेकर आए, तो उसे सीधे-सीधे बोलो – “पहले तौलो फिर दूंगा पेमेंट।” हर डिलीवरी बॉय के पास एक डिजिटल वजन मापने की मशीन होना अनिवार्य होता है। उससे सिलेंडर का कुल वजन नापो और अंदाजा लगाओ कि क्या गैस पूरी है या नहीं। अगर वजन 1-2 किलो से कम निकले, तो तुरंत मना कर दो।
वजन कम हो तो डरने की नहीं, शिकायत करने की जरूरत है
अगर सिलेंडर का वजन कम है, तो सीधे डिलीवरी बॉय को बोलो कि ये नहीं चाहिए। इसके बाद गैस एजेंसी को कॉल करके शिकायत दर्ज कराओ। कई एजेंसियां खुद आपको नया सिलेंडर भेजती हैं या कभी-कभी एक्स्ट्रा गैस भी ऑफर करती हैं। और सबसे बड़ी बात – आप जैसे लोग जब आवाज़ उठाते हैं, तो औरों के साथ होने वाली धोखाधड़ी भी कम होती है।
अपने अधिकारों को पहचानो, तभी मिलेगा पूरा फायदा
- डिलीवरी लेते समय वजन जांचना आपका अधिकार है।
- टेयर वेट याद रखो और हर बार उसके मुताबिक जांच करो।
- सील लगी है तो भी आंख मूंदकर भरोसा मत करो।
- अगर शक हो, तो सवाल करो – डिलीवरी वाला जवाब देने के लिए जिम्मेदार है।
- हेल्पलाइन नंबर या गैस एजेंसी से सीधे शिकायत करो।
उपभोक्ता सावधान रहेगा, तभी सिस्टम सुधरेगा
तेल कंपनियां और सरकारें हमेशा पारदर्शिता और सुरक्षा की बात करती हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि उपभोक्ता को खुद जागरूक रहना होगा। जब तक लोग अपने हक और जिम्मेदारी को समझेंगे नहीं, तब तक ऐसे फ्रॉड्स रुकेंगे नहीं। तो अगली बार जब सिलेंडर आए, तो डिलीवरी वाले से मुस्कुराकर कहो – “पहले वज़न दिखाओ, फिर लूंगा!”
Disclaimer
यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। उपभोक्ता शिकायतों और अधिकारों से जुड़ी जानकारी के लिए संबंधित एलपीजी एजेंसी या सरकारी हेल्पलाइन से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी अनुभव और सामान्य नियमों पर आधारित है, व्यक्तिगत मामलों में बदलाव संभव है।