New Tenant Right Laws : 2025 रेंट एक्ट अब लागू हो चुका है और इसके तहत मकान मालिकों के लिए किराया बढ़ाना पहले जितना आसान नहीं रहा। यह कानून खास तौर पर किरायेदारों की सुरक्षा के लिए लाया गया है ताकि उन्हें अचानक और भारी किराया वृद्धि का सामना न करना पड़े। सरकार ने मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाने के लिए कुछ सख्त और स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हैं।
अब मकान मालिक को किराया बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य होगा। ये नियम दोनों पक्षों के अधिकारों की रक्षा करते हैं और किराए को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
किराया बढ़ाने से पहले ये 5 नियम ज़रूरी
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वृद्धि का कारण स्पष्ट हो: मकान मालिक को यह बताना जरूरी होगा कि किराया क्यों बढ़ाया जा रहा है – जैसे मरम्मत, बाजार दर में बदलाव या अन्य कारण।
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लिखित नोटिस देना अनिवार्य: किरायेदार को कम से कम 30 दिन पहले किराया वृद्धि की सूचना लिखित रूप में देना जरूरी है।
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सरकारी सीमा का पालन: किराया वृद्धि की एक निश्चित सीमा सरकार तय करेगी। उससे अधिक वृद्धि की इजाजत नहीं होगी।
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किरायेदार की सहमति ज़रूरी: बिना किरायेदार की सहमति के किराया नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
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निश्चित समयावधि में ही बढ़ोतरी: एक बार वृद्धि के बाद, कुछ समय तक फिर से किराया नहीं बढ़ाया जा सकता।
कानूनी प्रक्रिया का पालन करें
मकान मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे किराया बढ़ाने से पहले पूरी कानूनी प्रक्रिया को समझें और पालन करें। यदि बिना नियमों के किराया बढ़ाया गया तो किरायेदार शिकायत कर सकता है और मामला कोर्ट तक जा सकता है।
प्रक्रिया की समय सीमा क्या है?
प्रक्रिया | समय सीमा |
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लिखित नोटिस | 30 दिन पहले |
कानूनी सलाह लेना | 15 दिन में |
किरायेदार की सहमति | 10 दिन में |
संविदा का पुनर्मूल्यांकन | 45 दिन में |
किरायेदार की भूमिका भी अहम
किरायेदार को भी इन नियमों को जानना चाहिए और कोई भी नोटिस मिलने पर समझदारी से प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर वे भी कानूनी सलाह ले सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
इस एक्ट के लाभ
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किरायेदारों को राहत मिलेगी।
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मकान मालिक को भी स्पष्ट प्रक्रिया मिलेगी।
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विवाद की स्थिति कम होगी।
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बाजार में पारदर्शिता आएगी।
बचाव के उपाय
किरायेदारों को चाहिए कि वे अपने रेंट एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें, सभी बदलावों को दस्तावेजी रूप से सुरक्षित रखें और किसी भी असामान्य वृद्धि पर सवाल उठाएं।