Property Registration Rules : अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान, डिजिटल और सुरक्षित हो गई है। सरकार ने इसमें कई बड़े बदलाव किए हैं जिनका मकसद आम नागरिकों को सुविधा देना और रियल एस्टेट क्षेत्र को पारदर्शी बनाना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
1. अब रजिस्ट्रेशन होगा डिजिटल
सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब नागरिक सरकारी पोर्टल पर लॉगिन करके अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं, फीस का भुगतान कर सकते हैं और स्टेटस ट्रैक भी कर सकते हैं। इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
डिजिटलीकरण के फायदे:
- प्रक्रिया तेज और सरल
- कागजी झंझट में कमी
- हर कदम पर पारदर्शिता
- घर बैठे काम निपटाने की सुविधा
2. ऑनलाइन पेमेंट से होगा भुगतान
अब रजिस्ट्रेशन शुल्क ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। इससे नकद लेन-देन खत्म होगा और धोखाधड़ी की संभावना भी घटेगी। ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम से सरकारी राजस्व में भी पारदर्शिता आएगी।
ऑनलाइन भुगतान के लाभ:
- कोई कैश की जरूरत नहीं
- ट्रांजैक्शन ट्रेस किया जा सकता है
- सरकारी रिकॉर्ड में सही एंट्री
3. अनिवार्य हुआ बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन
नए नियमों के अनुसार, अब रजिस्ट्रेशन के दौरान बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। यानी फिंगरप्रिंट या आईडी स्कैन के जरिए व्यक्ति की पहचान की जाएगी। इससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा और सिर्फ असली मालिक ही प्रॉपर्टी रजिस्टर कर पाएंगे।
इसके फायदे:
- धोखाधड़ी की रोकथाम
- वास्तविक मालिक की पहचान
- अधिक सुरक्षा और भरोसा
4. पारदर्शिता और सुरक्षा में बड़ा सुधार
नए डिजिटल सिस्टम से पूरी प्रक्रिया ट्रैक की जा सकती है। हर दस्तावेज और ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड ऑनलाइन मौजूद होगा, जिससे किसी भी विवाद की स्थिति में साक्ष्य उपलब्ध रहेगा।
इन बदलावों के असर:
- नागरिकों का भरोसा बढ़ा
- रियल एस्टेट में निवेश बढ़ेगा
- सरकार को ज्यादा और साफ राजस्व
कैसे उठाएं इन नियमों का फायदा?
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो इन नियमों की जानकारी आपके लिए जरूरी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें, बायोमेट्रिक दस्तावेज तैयार रखें और साइबर सुरक्षा का ध्यान रखें।
सरकार सोशल मीडिया, विज्ञापनों और वेबिनार के जरिए लोगों को जागरूक कर रही है ताकि कोई भी इन सुविधाओं से वंचित न रहे।
नए नियमों से न सिर्फ आम जनता को राहत मिली है, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी नई ऊर्जा आई है। अगर इन बदलावों को सही से अपनाया जाए, तो भविष्य में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और सुरक्षित बन जाएगा।