Senior Citizens Railway Discount : देश के करोड़ों बुजुर्गों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय ने फैसला किया है कि 2025 से वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर फिर से छूट मिलेगी।
कोरोना काल में यह सुविधा बंद कर दी गई थी, जिससे बुजुर्गों को पूरी कीमत पर टिकट खरीदना पड़ता था। अब यह रियायत दोबारा शुरू की जा रही है, जिससे उनका सफर सस्ता और आरामदायक बनेगा।
किसे मिलेगी कितनी छूट?
रेलवे ने यह साफ किया है कि छूट उम्र और लिंग के आधार पर दी जाएगी:
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पुरुष वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक) को 40% छूट
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महिला वरिष्ठ नागरिक (58 वर्ष या उससे अधिक) को 50% छूट
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यह छूट केवल स्लीपर और सामान्य श्रेणी की टिकटों पर लागू होगी
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छूट केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही मान्य होगी
कैसे मिलेगा लाभ?
रेलवे की इस छूट का लाभ लेने के लिए यात्रियों को कुछ जरूरी बातें ध्यान रखनी होंगी:
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टिकट बुक करते समय IRCTC वेबसाइट या काउंटर पर “Senior Citizen Concession” विकल्प को चुनना होगा
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पहचान के लिए आधार कार्ड या कोई वैध सरकारी आईडी दिखानी होगी
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ऑनलाइन टिकट बुक करते समय उम्र और आईडी की जानकारी भरना जरूरी है
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काउंटर से टिकट लेते समय आईडी कार्ड साथ लाना अनिवार्य है
किस ट्रेन क्लास में मिलेगी छूट?
रेलवे की नई गाइडलाइन के अनुसार, यह रियायत केवल कुछ श्रेणियों के लिए ही लागू है:
ट्रेन श्रेणी | पुरुष (60+) | महिला (58+) |
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सामान्य श्रेणी | 40% | 50% |
स्लीपर क्लास | 40% | 50% |
एसी 3-टियर | नहीं | नहीं |
राजधानी/शताब्दी | नहीं | नहीं |
बुजुर्गों की ज़िंदगी में फर्क
68 वर्षीय बुजुर्ग रामनाथ जी ने बताया कि इलाज के लिए हर बार शहर जाना महंगा पड़ता था। पहले उन्हें हर ट्रिप में ₹700-₹800 खर्च करने पड़ते थे, अब उन्हें ₹300 तक की बचत हो रही है।
गांव के रामचरण जी, जो पेंशन पर निर्भर हैं, साल में कई बार अपने बच्चों से मिलने जाते हैं। पहले टिकट की कीमत सोचकर रुक जाते थे, अब आसानी से यात्रा कर पा रहे हैं।
जरूरी बातें जो ध्यान में रखें:
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यह सुविधा Tatkal टिकट पर लागू नहीं होगी
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समूह में टिकट बुक करते समय सभी को पात्र होना जरूरी है
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गलत जानकारी देने पर छूट रद्द की जा सकती है
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छूट वाले टिकट कैंसिल करने पर रिफंड में कटौती हो सकती है
सरकार की सोच
सरकार का मानना है कि देश के निर्माण में बुजुर्गों की अहम भूमिका रही है, इसलिए उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। पहले यह योजना सालाना ₹1600 करोड़ का खर्च करती थी, जिसे अब फिर से बजट में शामिल किया गया है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि यह छूट बुजुर्गों के आत्मनिर्भर और सहज जीवन की दिशा में एक जरूरी कदम है।