Tenant Rights : आज के समय में लाखों लोग शहरों में नौकरी और पढ़ाई के लिए जाते हैं और वहां किराए के मकानों में रहते हैं। लेकिन बहुत से किरायेदार अपने कानूनी अधिकारों से अनजान रहते हैं।
इसी का फायदा कई बार मकान मालिक उठाते हैं और अपनी मनमानी करने लगते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि किरायेदारों को कानून में 5 अहम अधिकार दिए गए हैं, जिन्हें जानना हर किराएदार के लिए जरूरी है।
1. बिना नोटिस किराया नहीं बढ़ा सकते मकान मालिक
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो मकान मालिक बिना जानकारी दिए किराया नहीं बढ़ा सकते। कानून के अनुसार, किराया बढ़ाने के लिए उन्हें कम से कम 3 महीने पहले लिखित नोटिस देना जरूरी है। इसके बिना कोई भी किराया बढ़ाना अवैध माना जाएगा।
2. मूलभूत सुविधाएं देना अनिवार्य
किरायेदार को घर में बिजली, पानी, और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं देना मकान मालिक की जिम्मेदारी होती है। अगर मकान मालिक इन सुविधाओं से इनकार करते हैं या बाधा डालते हैं, तो किरायेदार इसकी शिकायत रेंट अथॉरिटी में कर सकते हैं।
3. रेंट एग्रीमेंट के बिना नहीं निकाल सकते मकान से
मकान मालिक किरायेदार को तब तक घर से नहीं निकाल सकते, जब तक कि रेंट एग्रीमेंट में तय समय पूरा न हो जाए। हां, अगर किरायेदार लगातार 2 महीने तक किराया नहीं देता, या अगर मकान मालिक को प्रॉपर्टी किसी अन्य जरूरी काम के लिए चाहिए, तो वे 15 दिन पहले नोटिस देकर किरायेदार से मकान खाली करा सकते हैं।
4. मरम्मत नहीं कराए तो किराया घट सकता है
अगर मकान में कोई खराबी आती है, जैसे लीकेज, बिजली की खराबी या प्लास्टर गिरना आदि, तो उसे ठीक करवाना मकान मालिक की जिम्मेदारी है। अगर वे मरम्मत कराने में असमर्थ हैं, तो किरायेदार किराया कम करवाने की मांग कर सकते हैं और इसके लिए रेंट अथॉरिटी में शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं।
5. प्राइवेसी का अधिकार और रसीद लेना जरूरी
रेंट एग्रीमेंट होने के बाद मकान मालिक बिना अनुमति के किरायेदार के कमरे में नहीं घुस सकते। वे किरायेदार की निजता में दखल नहीं दे सकते। अगर किरायेदार घर पर नहीं है, तो मकान मालिक को कमरे में घुसने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही, किरायेदार को हर महीने किराए की रसीद लेना भी जरूरी है, ताकि भविष्य में अगर कोई विवाद हो, तो उसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।